सावन का महीना हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र समय माना जाता है। सावन का महीना शुरू होते ही हर तरफ शिव भक्ति का माहौल बन जाता है। जहां भक्त मन, वचन और कर्म से शिव की आराधना में लग जाते हैं। जहां हर मंदिर से “ॐ नमः शिवाय” की धुन गूंजने लगती है। और भक्त अपने दिल से सावन सोमवार का व्रत रखते हैं। सावन अक्सर जुलाई के मध्य से अगस्त के मध्य तक आता है।
सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है।
सावन का हर दिन का अपना एक महत्व होता है लेकिन सबसे अधिक शक्तिशाली दिन सावन के सोमवार का दिन होता है।
सावन सोमवार का महत्व
कहा जाता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत रखता है, शिवजी उसकी हर मनोकामना स्वयं पूरी करते हैं।
कन्याएं अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं और शिव-पार्वती का आशीर्वाद मांगती हैं, तो वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। और जो लोग शादी के योग बनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनके लिए भी सावन सोमवार का व्रत बहुत फलदायक माना गया है। युवा लोग इस व्रत को करियर, हेल्थ, और मन की शांति के लिए रखते हैं।

पूजा विधि और व्रत कैसे करें
सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें, सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, गंगाजल, शहद और बेलपत्र से स्नान कराएं। इसके बाद सफेद फूल, धतूरा, चंदन का लेप और भांग चढ़ाएं।
मन में शिव का स्मरण करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें।
पूरे दिन व्रत रखें – चाहे निर्जल या फलाहार। रात को शिव की आरती के बाद अपना व्रत तोड़ें।
सावन सोमवार की तिथि
पहला सोमवार — 14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार — 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार — 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार — 04 अगस्त 2025
इस समय कांवड़ यात्रा भी चलती है, जिसमें लाखों शिव भक्त गंगाजल लेकर पैदल यात्रा पर निकलते हैं और किसी प्रसिद्ध शिव मंदिर में जाकर जल अर्पण करते हैं।
सावन सोमवार पर शिव को एक बूँद जल भी श्रद्धा से चढ़ा दिया जाए, तो वह भी वरदान बन सकता है।
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